Cryptocurrency और Digital Rupee में क्‍या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्‍तेमाल तो आपको क्‍या होगा फायदा?

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 Cryptocurrency और Digital Rupee में क्‍या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्‍तेमाल तो आपको क्‍या होगा फायदा?/what is digital rupee

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Digital Rupee: सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी CBDC डिजिटल रूपी केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है साधारण शब्दों में कहें तो डिजिटल करेंसी आरबीआई द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स है भारत में डिजिटल करेंसी दो तरह की होगी।

डिजिटल करेंसी का सीधा सा मतलब यह है, सारा ऑनलाइन प्रोसेस ही होगा आप इसका ऑनलाइन लेनदेन कर सकते हैं आप इसे अपने जेब में नहीं रख सकते ONLINE आप इसको एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं अब इसको ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं ऑनलाइन यूज कर सकते हैं परंतु आप इसको फिजिकली किसी को देना है तो आप वह नहीं दे सकते हैं इसे ही हम डिजिटल करेंसी या डिजिटल रुपए कहते हैं।

भारत का पहला सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी CBDC  या डिजिटल रूपी पायलट प्रोजेक्ट अगर बात करते हैं तो मंगलवार 1 नवंबर से शुरू हो गया है भारतीय रिजर्व बैंक ने आरबीआई मंगलवार को होलसेल सेगमेंट को ध्यान में रखते हुए डिस्टल रूपी का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है. आरबीआई की रिटेल सेगमेंट के लिए डिजिटल रूपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट चुनिंदा जगहों में से 1 महीने के भीतर लांच करने की योजना है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फिनेंशियल मिनिस्टर निर्मला सीतारमण) ने फरवरी में अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी।

आरबीआई का कहना है कि होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए 9 बैंकों की पहचान की गई है इनमें से 

1.भारतीय स्टेट बैंक 

2.बैंक ऑफ बड़ौदा 

3.यूनियन बैंक 

4.एचडीएफसी बैंक 

5.आईसीआईसीआई बैंक 

6.कोटक महिंद्रा बैंक 

7.यस बैंक 

8.आईडीएफसी फर्स्ट बैंक 

9.एचएसबीसी बैंक शामिल है. 

डिजिटल करेंसी में कई देशों की रूचि है हालांकि केवल कुछ ही देश अपनी डिजिटल करेंसी को विकसित करने के पायलट चरण से आगे बढ़ने में कामयाब हो पाए हैं।

 Explainer : डिजिटल रुपी क्‍या है और यह कैसे काम करती है में क्‍या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्‍तेमाल तो आपको क्‍या होगा फायदा?

भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि सीबीडीसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार या कागजी मुद्रा के सामान और कागजी मुद्रा के साथ विनिमय किया जा सकेगा केवल इसका रूप अलग है साधारण शब्दों में कहें तो डिजिटल करेंसी से बीडीसीए डिजिटल रूपी आरबीआई द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करंसी नोट्स है इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद रुपए को कांटेक्ट LESS ट्रांजैक्शन में इस्तेमाल किया जा सकता है. 

भारत में डिजिटल करेंसी दो तरह की होगी रिटेल सीबीडीसी (CBDC _R) और होलसेल सीबीडीसी (CBDC _W) रिटेल सीबीडीसी संभवत सभी के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होंगी, वहीं होलसेल सीबीडीसी का उपयोग चुनिंदा वित्तीय संस्थानों के लिए ही किया जाएगा।

Digital Currency : जानिए क्या हैं डिजिटल रुपी के फायदे?

सी बी डी सी का उपयोग करने के कई लाभ होंगे वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने पिछले साल लोकसभा को बताया डिजिटल रूपी के बहुत से फायदे होंगे इसमें ना केवल नगदी पर निर्भरता कम होगी बल्कि सीबीडीसी संभवत अधिक मजबूत कुशल विश्वसनीय वे नियमित और एक वैध भुगतान विकल्प की ओर ले जाएगी देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी इन रूपी आने के बाद आपको अपने पास रखने की जरूरत भी नहीं होगी या रखने की जरूरत नहीं होगी डिजिटल करेंसी को लोग अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे इसे बैंक मनी और केस में आसानी में बदला जा सकता है।

लेन-देन की ज्यादा निगरानी।

अगर बात करें तो डिजिटल करेंसी का मेन सीधा सा फंडा यह है कि सरकार के अधिकृत होगा और सरकार इस करेंसी पर बाहर आना-जाना लेनदेन सभी चीजों पर नजर रख सकती है इसके अलावा यह उस पर भी कंट्रोल करेगी जो अवैध पैसे हैं या अवैध धन उस पर वह नकेल कर सकेगी और कागज की नोट की प्रिंटिंग का खर्च भी बचेगा डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी और यह कभी खराब भी नहीं होगी और इसे आप कभी भी यूज कर सकते हैं कहीं पर भी यूज कर सकते हैं।

 ज्यादा सुरक्षित

डिजिटल करेंसी की अगर हम बात करें तो यह लेनदेन के मुकाबले सीबीडीसी ज्यादा सुरक्षित है क्योंकि यह ब्लॉकचेन पर आधारित होगा इसमें सेंध लगाना काफी मुश्किल होगा इसमें कोई भी आपकी ब्लैक मनी को इस्तेमाल नहीं कर सकता है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में भुगतान तेजी से होता है सीबीडीसी के उपयोग से कैशलेस अर्थव्यवस्था में और बदलाव आ सकता है सीबीडीसी के उपयोग से कैशलेस भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और बैंकिंग प्रदेश म सकारात्मक बदलाव भी आएंगे।

भारत का डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग? जानिए 

क्रिप्टो करेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी में मुख्य अंतर यह है कि क्रिप्टोप पूरी तरह से निजी करेंसी है लीगल टेंडर वैध मुद्रा नहीं है और इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती है ना ही किसी सरकार का सेंट्रल बैंक का इस पर कोई कंट्रोल होता है डिस्टर्ब करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है इसे सरकार की मंजूरी प्राप्त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वेद मुद्रा है जहां क्रिप्टो करेंसी की रेट में उतार-चढ़ाव आता रहता है वहीं डिजिटल रूप में ऐसा कुछ भी नहीं होगा इसका वही प्रभाव होगा जो नगद मुद्रा का होता है अब डिस्टर्ब रूपी को नगद में बदल सकते हैं।

इसे इस्तेमाल बेहद आसान है

आप किसी को भी पेमेंट करने के लिए इसे डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कर सकते हैं सीबीडीसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में भी हम इसे देख सकते हैं और इसे करेंसी को नोट में भी बदल सकते हैं ठीक उसी तरह से जैसे हम ऑनलाइन अपना बैंक अकाउंट बैलेंस चेक करते हैं यह मोबाइल वाले चेक करते हैं उसी तरह से ईडीपी को भी इस्तेमाल कर सकते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि इसे यूपीआई से जोड़ने की तैयारी भी की जा रही है।

एक्सपर्ट की बातें।

नए प्रोजेक्ट की शुरुआत के साथ ही कई सवालों के जवाब भी आर्थिक विशेषज्ञ विजय सरदाना से उनकी राय मांगी गई सरदाना जी कहते हैं कि मुझे लगता है कि काला धन इस प्रोजेक्ट के जरिए कम हो जाएगा क्योंकि आगे आने वाले समय में सरकार उदाहरण के लिए 5000 से ज्यादा के ट्रांजैक्शन के लिए इसका इस्तेमाल अनिवार्य कर सकती है सभी ट्रांजैक्शन की जानकारी सरकार के पास होगी जिससे सभी के द्वारा होने वाले खर्चों पर सरकार का सीधा नजर बनी रहेगी हाल करेंसी पर निर्भरता कम हो जाएगी और यह सरकार की एक बहुत ही अच्छी शुरुआत है।

गूगल पेटीएम यूपीआई जैसे वॉलेट से कैसे अलग होगा।

डिजिटल यूपी की अगर बात करें तो यह ई वॉलेट में लिमिट होती है लेकिन इसमें डिजिटल करेंसी से बड़ा अमाउंट भी आप ट्रांसफर कर पाएंगे लेकिन इसमें सिक्योरिटी का भी बड़ा कंसर्न होगा इससे मिस यूज ना हो जैसे गलत नंबर पर पैसे ट्रांसफर करने की सूरत में क्या किया जाएगा इसका ब्यौरा अभी तक आरबीआई नेम साफ नहीं किया है।

नेट बैंकिंग से कैसे यह अलग होगा।

नेट बैंकिंग से यह पूरी तरह से अलग होगा क्योंकि नेट बैंकिंग में पेमेंट चार्ज लगता है इसमें कैसटू कैश ट्रांसफर होगा और कोई भी चार्ज नहीं देना होगा।

क्या करेंसी नोट खत्म हो जाएंगे।

ऐसा नहीं है कि करेंसी नोट पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे लेकिन इससे सुविधा हो जाएगी अभी आपके नोट फट जाए चोरी हो जाए तो दिक्कत होती है लेकिन डिजिटल करेंसी में यह सब परेशानी नहीं होगी ना ही एक फटिंग के ना ही यह चोरी हो गए ट्रैवल करते समय कोई टेंशन नहीं होगा चेंज की कोई प्रॉब्लम नहीं होगी अभी दो लाख 500000 ट्रांसफर करने में मुश्किल आती है जो तब आसान हो जाएगा कैश ट्रांसफर को अपडेट करने का भी प्रयास किया जा रहा है।

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Conclusion

नमस्कार दोस्तों मैंने इस आर्टिकल में आपको डिस्टर्ब रूपी के बारे में बताया है अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो आप लोग इसे अपने दोस्तों में शेयर करना बिलकुल भी मत बोलिए गा अब डिजिटल करेंसी की बात करें तो डिजिटल वर्ल्ड में एक नया क्रांति आने वाला है जिससे लोगों के लेनदेन में क्या इसमें बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

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