₹11 वाला 86000 के पार जानिए MRF क्यों है भारत का सबसे महंगा स्टॉक।
नमस्कार दोस्तों आप लोगों का स्वागत है मेरे इस आर्टिकल पर आज मैं आप लोगों को यह बताने जा रहा हूं कि ₹11 का शेयर आज की अगर हम बात करें तो 86000 के पार जा चुका है ऐसा क्यों है क्या खासियत है । यही सब जानेंगे हम लोग इस आर्टिकल में तो इस आर्टिकल को आप लोग पूरा पड़ेगा।
अगर बात करते हैं 1993 में जिस एमआरएफ के 1 शेयर की कीमत मात्र ₹11 ₹11 थी, आज वह भारत का सबसे महंगा शहर है एक छोटी सी कंपनी टॉय बैलून बनाने से शुरू कि अपना एक सफर और आज लोगों को करोड़पति बनाया यह भी भारतीय स्टॉक मार्केट के इतिहास के पन्नों में दर्ज है।
आज की डेट में अगर हम बात करते हैं तो शेयर बाजार में निवेश करके हर कोई करोड़पति बनना चाहता है। हेलो को लगता है कि शेयर बाजार में पैसे बनाने की मशीन है और हमने पैसे इधर से डाले हो उधर से हमारे पैसे डबल होकर निकाला है पर इसी गलतफहमी की वजह से 90 भेज दी लोग रिटेल में अपने पैसे को गवा देते हैं और वह महंगे और सस्ते शेयर में फर्क भी नहीं कर पाते हैं। मार्केट की नॉलेज ना होने की वजह से सस्ते शेयर के चक्कर में फस कर अपनी पूरी कमाई जीवन भर की लगा देते हैं और उसे डुबो देते हैं।
अक्षय देखा जाता है कि जो रिटेल निवेशक होते हैं वह महंगे शहर को खरीदने से डरते हैं क्योंकि उनको समझ ही नहीं होती है शेयर मार्केट के बारे में किसी ने बताया कि शेयर मार्केट में पैसे लगाने से डबल हो जाते हैं और वह सस्ते शेयर के चक्कर में पड़कर अपना सब कुछ गंवा बैठते हैं। पर उन्हें यह चीज पता ही नहीं होती है कि अच्छे और महंगे शेयर रिटर्न भी अच्छे देते हैं।
जैसे कि आज हम देश के सबसे महंगे शहर के बारे में बात करने जा रहे हैं एमआरएफ के भाव में भारी गिरावट देखने को मिल रही है गुरुवार यानी 10 नवंबर को इसका श्रेय शेयर करीब 9 फ़ीसदी तक टूटकर ₹87470 पर जाकर बंद हुआ था दशन इस गिरावट की वजह कंपनी की दूसरी तिमाही के नतीजे हैं।
14 नवंबर को एमआरएफ का शेयर ₹86179 पर कारोबार करते हुए बंद हो गया था। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्यचकित होगा कि एक समय में एमआरएफ का शेयर की कीमत मात्र ₹11 थी एमआरएफ आज भारतीय स्टॉक मार्केट का सबसे महंगा शेयर है और इसमें निवेश करना हर किसी के बस की बात तो है ही नहीं तो आखिर ऐसी क्या वजह थी कि हमारे आपके सर इतने महंगे हो गए आइए जानते हैं पूरी हिस्ट्री।
एमआरएफ के शेयरों ने निवेशकों को कैसे बनाया करोड़पति।MRF Journey From Rs.11 To Becoming India's Most Expensive Stock In Terms Of Value
अगर आप बिजनेस टुडे पढ़ते हैं तो बिजनेस टुडे के रिपोर्ट के मुताबिक 27 अप्रैल 1993 को एमआरएफ के 1 शेयर की कीमत मात्र ₹11 थी लेकिन इसी शेयर ने 7 नवंबर 2022 को अपना all-time हाई लगाया और शेयर की कीमत 96000 तक पहुंच गई थी इन 29 सालों में कंपनी ने अपने निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया।
ताई ऐसे समझते हैं कि आज से अगर 29 साल पहले किसी ने एमआरएफ में ₹100000 निवेश किए होते तो आज की तारीख में उसकी कीमत करीब ₹780000000 होती कुछ साल पहले एक निजी बिजनेस चैनल के कार्यक्रम में कॉल करके किसी दशक ने बताया था कि उसके दादा ने 1990 में एमआरएफ के 20000 शेयर खरीदे थे जिन्हें वह बेचना चाहता था सिर्फ कल्पना कीजिए कि अगर उस व्यक्ति ने अब तक शेयर नहीं भेजे होंगे तो उनकी कीमत लगभग 172 करो रुपए हो गई होगी।
MRF: 11 रु से 92450 रु तक सफर, ये शेयर दे चुका है 8400 गुना तक रिटर्न; आगे 1 लाख तक जाएगा भाव!
अब आपके भी मन में एक सवाल आ रहा होगा कि निवेशकों को करोड़पति बनाने वाले एमआरएफ के शेयर की कीमत इतनी ज्यादा क्यों है दरअसल इसके पीछे की वजह है शेरों को स्प्लिट स्टॉक स्प्लिट ना करना है एंजेल बन के मुताबिक 1975 के बाद में हमारे अपने आज तक अपने शेयरों को कभी स्पीड नहीं किया इसके पहले साल 1970 में 1:2 और 1975 में 3 : 10 के अनुपात में एमआरएफ ने बोनस शेयर इश्यू किए थे।
वजह चाहे जो भी हो लेकिन कई लोग यह मानते हैं कि शेयरों के पेट में करने के लंबे समय तक निवेशक उससे जुड़े रहते हैं।
एक शेयर की कीमत 4 करोड़ रुपये, यही है दुनिया का सबसे महंगा स्टॉक
मशहूर बिजनेसमैन और अमेरिकी निवेशक वारेन बुफेट की अगर बात करें तो उनका भी मानना है कि शेर को स्प्लिट नहीं करना चाहिए वारेन बुफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे का शेयर भी इस नतीजे का परिणाम है बर्कशायर हैथवे क्लास 11 शेयर की कीमत करीब 4.70 लाख अमेरिकी डॉलर है भारतीय रुपयों में बात करें तो इसके 1 शेयर की कीमत करीब 3.7 करोड रुपए है।
क्या है स्टॉक स्प्लिट? यह कंपनी और शेयरधारकों को कैसे प्रभावित करता है? स्टॉक स्प्लिट क्यों किया जाता है?
जब शेयर की कीमत ज्यादा होती है तो रिटेल निवेशक उसमें निवेश से कतराते हैं ऐसे में कंपनी शेयर को स्प्लिट कर देती है मान लीजिए कि किसी कंपनी के शेयर की कीमत ₹1000 है अब मार्केट में उस कंपनी के कुल 100000 शेयर हैं अब कंपनी ने शेयर को स्प्लिट कर के कुल 200000 शेयर बना दिए तो इससे एक शेयर की कीमत घटकर ₹500 हो जाती है।
इसी तरह 100000 शेरों को स्प्लिट करके 1000000 शेयर बना दिया जाए तो एक शेयर की कीमत ₹100 हो जाएगी ऐसे में जब शेयर की कीमत कम होगी तो छोटे निवेशक भी बिना जिसके उसमें निवेश कर पाएंगे यह कुछ इसी तरह का है जैसे आपके पास एक पिज्जा है और उसके चार हिस्से हैं बाद में अपने उसी पिज्जा के 8 हिस्से कर दिया ऐसे में पिज्जा तो एक ही रहेगा लेकिन उसके हिस्सों की संख्या बढ़ जाएगी।
Story of MRF Tyres: बच्चों के लिए गुब्बारे बनाने से की थी शुरुआत, आज है भारत की सबसे बड़ी टायर मैन्युफैक्चरर।मद्रास रबर फैक्ट्री
एमआरएफ का पूरा नाम मद्रास रबर फैक्ट्री है इसकी शुरुआत 1946 में टॉय बैलून बनाने से हुई थी 1960 के बाद से इन्होंने टायर बनाना शुरू कर दिया अब यह कंपनी भारत में टायर की सबसे बड़ी निर्माता कंपनियां भारत में टायर इंडस्ट्री का मार्केट करीब 60000 करोड़ रुपए का है जेके टायर सिएट टायर इत्यादि एमआरएफ की कंपीटीटर है ।
CONCLUSION
दोस्त आपने इस आर्टिकल को पूरा पढ़ा और जाना कि कैसे एमआरएफ कैसे यार के बारे में ₹11 से लेकर ₹86000 तक है इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद में आपको अच्छा भी लगा होगा तो आप इसे अपने दोस्तों रिश्तेदारों में शेयर करना बिल्कुल मत बोलिए गा नमस्कार।
Q & A
1. MRF किस देश की कंपनी है?
ANS:- MRF भारत की COMPANY है, जिसकी शुरुआत 1946 में चेन्नई से हुई थी।
2.MRF का FULL FORM क्या है?
ANS: MRF का FULL FORM मद्रास रबर फैक्ट्री (Madras Rubber Factory) है।
3. MRF कंपनी का मालिक कौन है?
ANS:- K. M. Mammen Mappillai
4. दुनिया की सबसे बड़ी टायर कंपनी कौन सी है?
ANS:- गूडीएआर की शुरुवात Frank A. Seiberling ने 1898 में किया था और आज ये दुनिया की सबसे बड़ी टायर कंपनी में से एक है.
5. MRF का आईपीओ कब आया था?
ANS:-1990 में जब MRF का IPO आया तब उसकी कीमत 11 रुपये थी