Rakesh Jhunjhunwala rs 5000 se 40,000 CR tak ka safar
लंबे समय से बीमार थे जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई भगवान उनकी आत्मा को शांति दे अपने चरणों में जगह दे हम यहां पर बात कर रहे हैं राकेश झुनझुनवाला की कैसे उन्होंने अपनी जिंदगी में कामयाबी पाई और कैसे उन्होंने अपनी जिंदगी का सफर शुरू किया हम लोग इस आर्टिकल में यही पड़ेंगे।
लोग कहना है कि उनकी दोनों किडनी खराब हो गई थी और वह डायलिसिस पर चल रहे थे पर अभी जो उनकी रिसेंटली में मौत हुई है वह हार्ट अटैक से हुई है।
राकेश झुनझुनवाला कि अगर हम बात करें तो हम सभी इन्वेस्टर्स के इंस्पिरेशन उन्हें बिगबुल के नाम से भी जाना जाता है अगर इनकी बात करें तो राकेश झुनझुनवाला सर जी ने मात्र ₹5000 से अपनी जननी शुरुआत की थी और आज वह ₹40000 करोड़ छोड़कर इस दुनिया से चले गए।
अभी कुछ दिन पहले उन्होंने अपनी कंपनी आकाश एयरलाइन को लांच किया था वह बहुत बड़े विजनरी थे उनके मन में जो होता था वही वह बोलते थे घुमा फिरा कर उनकी बोलने की आदत बिल्कुल भी नहीं थी।
इन्वेस्टिंग journey
राकेश झुनझुनवाला कि अगर हम बात करें तो 1985 स्टॉक मार्केट में ₹5000 से उन्होंने शुरुआत की जब उन्होंने शुरू किया था तब सेंसेक्स डेढ़ सौ पॉइंट पर ही था मात्र। और आज अगर हम बात करते हैं तो सेंसेक्स 60000 के पास में पहुंच चुका है अगर उनकी बात करते हैं तो ₹40000 करोड़ की उनकी नेटवर्थ है।
राकेश झुनझुनवाला की अगर हम बात करते हैं तो उन्होंने ₹5000 से इन्वेस्टमेंट करना सीखा जब उन्हें कॉन्फिडेंस हो गया तब उन्होंने अपने भाई के क्लाइंट के ढाई लाख रुपए लोन लिए इस शर्त पर कि वे उन्हें एफबी से ज्यादा रिटर्न दिलाएंगे उस समय fd ka रिटर्न 10 परसेंट ही था उन्होंने कहा वह उससे जायदा रिटर्न करेंगे और इस पैसे का यूज करके उन्होंने टाटा टी गोल्ड के 5000 शेयर बाय किए थे उस समय उस शेयर का प्राइस ₹45 था।
जैसे ही उन्होंने उस शेयर को बाय किया उसके बाद ही 3 महीने में उसका प्राइस ₹143 तक पहुंच गया और इसे चल करने के बाद लगभग 3 गुना प्रॉफिट करने के बाद उनका जो रियल जीवन होता है वह शुरू हुआ।
1986 में स्टॉक मार्केट में जैसे मंदी चल रहा था जब सब डर रहे थे तब उन्होंने टाटा पावर के शेयर खरीदे उसका नेटवर्थ उस समय की बात करते हैं लगभग ₹5000000 तक पहुंच गई थी। वही उनके यह सफर बंद नहीं हुआ और उनका सफर आगे बढ़ा 1986 से 1989 में अलग-अलग इन्वेस्टमेंट से उन्होंने 20 से 25 लाख का प्रॉफिट किया जिससे उनकी नेटवर्क 10000000 रुपए तक हो गई इसके बाद उन्होंने बहुत बड़ा रिस्क लिया उन्होंने ₹28 प्राइस का शीशा गोवा नाम का शेयर लिया जिसे आज हम वेदांता के नाम से जानते हैं।
उसके चार लाख शेयर बाय किए और जैसे ही शेयर ₹65 में पहुंचा ढाई लाख में बेच दिया प्राइस बढ़कर डेढ़ सौ तक पहुंच गया है एक लाख के फिर से शेयर बेच दी है फिर कुछ साल के बाद उसका प्राइस 22 सौ तक पहुंच गया और बचे हुए शेयर भी उन्होंने सेल कर दिए जिससे उनकी नेटवर्क ढाई करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
1989 में बी पी सिंह के गवर्नमेंट बैंक फाइनेंस मिनिस्टर मधु धनवती इस बार का जो बजट है वह सोशल मीडिया पर कंसंट्रेट होगा इसलिए सब डरे हुए थे बट उनको पता था कि प्राइम मिनिस्टर बीपीसी को जो बिजनेस की अच्छी नॉलेज रखते हैं इसलिए बजट होगा वह बिजनेस के बेस पर होगा या बिजनेस को फोकस करेगा जो उनकी सूझबूझ से ढाई करोड़ से ही 6 महीने में ही 40 से ₹500000000 तक पहुंच गया बजट बिजनेस फ्रेंडली था इसलिए बिजनेस में ग्रोथ देखने को मिला। इसके बाद 2002 से 2003 में उन्होंने सबसे बड़ी नेशनल की थी टाइटन के 4:30 करोड़ रुपए के शेयर को उन्होंने खरीदा और जिसका प्राइस ₹3 का था इसके बाद टाइटन के प्राइस बढ़कर ₹80 तक चली गई और उनकी नेटवर्क 300 करोड़ रुपए तक की हो गई फिर भी उन्होंने एक भी शेयर नहीं भेजा लेकिन फिर टाइटन का शेयर घटकर ₹30 तक आ गया और फिर उन्होंने उसे होल्ड करके रखा और आज टाइटन का शेयर 2400 तक है उनकी होल्डिंग आज भी लगभग ₹11000 करोड़ है इसके अलावा उन्होंने लूपिन अरविंदो के सेल जैसे कंपनी में इन्वेस्टमेंट किया।
अकाशा एयरलाइन लांच किया और उन्होंने कहा कि वह फेलियर के लिए भी तैयार हैं। तो वह अपना डिसीजन बहुत ही सोच समझकर और सूझबूझ से लेते थे जिससे उनकी इन्वेस्टमेंट बहुत अच्छी होती थी और वह अपने जिंदगी में सफल होते चले गए राकेश झुनझुनवाला इसीलिए बिगबुल के नाम से नहीं जाने जाते हैं वह अपनी सूझबूझ से भी बिगबल के नाम से जाने जाते हैं जिन्होंने आज इतनी बड़ी संपत्ति खड़ी कर दी।
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